अमर जवान ज्योति पर जूते पहन चढ़े भाजपा नेता — शहीदों का अपमान बना ‘वंदे मातरम’ कार्यक्रम ।
राजनीतिक
06-11-2025 11:04 PM | Update Bharat
जयपुर।
वंदे मातरम @150 की पूर्व संध्या पर गुरुवार को भाजपा की ओर से जयपुर में निकाला गया मशाल जुलूस श्रद्धांजलि की बजाय विवादों में घिर गया।
अंबेडकर सर्किल से शुरू होकर अमर जवान ज्योति तक पहुंचे इस जुलूस का उद्देश्य शहीदों को नमन करना था, लेकिन कार्यक्रम के दौरान भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने स्थल की गरिमा को ठेस पहुंचा दी।
जुलूस के अमर जवान ज्योति पहुंचते ही भाजपा नेता और कार्यकर्ता जूते-चप्पल पहने हुए ही स्मारक पर चढ़ गए।
वहाँ तैनात गार्ड वीरेंद्र सिंह ने उन्हें बार-बार रोकने की कोशिश की और अनुरोध किया कि “जूते उतार लीजिए, यह शहीदों का स्थल है”,
लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं मानी।
नेता, कार्यकर्ता और उनके साथ आए बच्चे जूतों सहित स्थल पर पहुंच गए और फोटो खिंचवाने लगे।
कार्यक्रम के संयोजक भाजपा प्रदेश मंत्री भूपेंद्र सैनी, सह-संयोजक प्रीति शर्मा और प्रेम सिंह वनवासा की देखरेख में यह आयोजन किया गया था।
श्रद्धांजलि स्थल पर नेताओं के जूते पहने जाने की तस्वीरें और वीडियो सामने आने के बाद सवाल उठने लगे हैं।
जब इस संबंध में भूपेंद्र सैनी से पूछा गया तो उन्होंने दावा किया कि
> “हम अमर जवान ज्योति पर चढ़े ही नहीं, सड़क पर ही खड़े थे।”
लेकिन वीडियो फुटेज में खुद भूपेंद्र सैनी जूतों सहित श्रद्धांजलि देते हुए साफ दिखाई दे रहे हैं।
वीडियो सामने आने के बाद भी उन्होंने गलती स्वीकार करने की बजाय मीडिया कर्मियों से बहस की और कवरेज पर आपत्ति जताई।
सूत्रों के अनुसार, आयोजन में भीड़ को लेकर भी भ्रामक दावा किया गया।
भूपेंद्र सैनी ने मशाल जुलूस में हजारों की मौजूदगी बताई, जबकि मौके पर करीब 100 से 120 लोग ही मौजूद थे।
इनमें अधिकांश बच्चे थे जो सवाई मानसिंह स्टेडियम में खेलकूद के लिए आए हुए थे और बाद में जुलूस में शामिल कर लिए गए।
भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की संख्या बहुत कम थी।
गार्ड वीरेंद्र सिंह ने बताया कि “मैंने मना किया था, लेकिन इतने लोगों को कैसे रोकता।”
अमर जवान ज्योति स्थल पर जूते पहनकर जाना मना है,
जहाँ मुख्यमंत्री, मंत्री, अधिकारी और आमजन तक शहीदों को नमन करने से पहले जूते उतारते हैं।
इसके बावजूद भाजपा नेताओं द्वारा ऐसा व्यवहार करना सवाल खड़े कर रहा है।
राज्य में वंदे मातरम गीत के 150 वर्ष पूर्ण होने पर केंद्र सरकार की पहल पर प्रदेशभर में कार्यक्रमों की श्रृंखला चल रही है।
जयपुर में शुक्रवार को सवाई मानसिंह स्टेडियम में राज्य स्तरीय समारोह आयोजित होगा,
लेकिन उससे पहले निकाले गए इस मशाल जुलूस ने श्रद्धांजलि आयोजन की मर्यादा पर दाग लगा दिया है।
भूपेंद्र सैनी सहित आयोजकों का व्यवहार अब सवालों के घेरे में है।
वंदे मातरम का सम्मान करने के नाम पर शहीदों का अपमान कर दिया गया।
राजनीतिक कार्यक्रम की जल्दबाज़ी और लापरवाही ने अमर जवान ज्योति जैसे पवित्र स्थल की गरिमा को आहत किया।
